I HAVE STARTED THIS BLOG TO EXPRESS MYSELF - MY FEELINGS, MY EMOTIONS , MY IDEOLOGY (POLITICAL AND OTHERWISE ), AND MY UNDERSTANDING OF PROCESS THAT IS LIFE. COMMENTS OF READERS ARE WELCOME
Monday, January 7, 2008
On Faiz
Faiz Ahgmed Faiz was the quintessential poet of romanticism and revolution simultaneously who , through his tender but firm pen , gave voice to millions of disprivilaged souls all the world over. Only Urdu poet to be nominated for Nobel Prize.......
मां है रेशम के कारखाने में....
बाप मसरूफ सूती मिल में है....
कोख से मां की जब से निकला है....
बच्चा खोली के काले दिल में है....
जब यहाँ से निकल के जाएगा....
कारखानों के काम आयेगा....
अपने मजबूर पेट की खातिर....
भूक सर्माये की बढ़ाएगा....
हाथ सोने के फूल उगलेंगे....
जिस्म चांदी का धन लुटाएगा....
खिड़कियाँ होंगी बैंक की रोशन....
खून इसका दिए जलायेगा....
यह जो नन्हा है भोला भाला है....
खूनीं सर्माये का निवाला है....
पूछती है यह इसकी खामोशी....
कोई मुझको बचाने वाला है!
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